Aluminium ke Bartan Mein Khana Na Khayein -Short Swadeshi Chikitsa
समदोषः समाग्निश्च समधातु मलक्रियाः । प्रसन्नात्मेन्द्रियमनाः स्वस्थः इत्यभिधीयते ॥ ( जिस व्यक्ति के दोष (वात, कफ और पित्त) समान हों, अग्नि सम हो, सात धातुयें भी सम हों, तथा मल भी सम हो, शरीर की सभी क्रियायें समान क्रिया करें, इसके अलावा मन, सभी इंद्रियाँ तथा आत्मा प्रसन्न हो, वह मनुस्य स्वस्थ कहलाता है )। यहाँ 'सम' का अर्थ 'संतुलित' ( न बहुत अधिक न बहुत कम) है।